
नीमच मंडी में गेहूं के भाव आज: बाजार स्थिर, लोकवान क्वालिटी 2950 तक बिकी
नीमच (मध्य प्रदेश) की कृषि उपज मंडी हमेशा से मालवा अंचल के किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रही है। 25 नवंबर 2025 को नीमच मंडी में गेहूं की आवक करीब 3000 बोरी रही और बाजार कुल मिलाकर स्थिर (समान) रहा। कोई बड़ी तेजी-मंदी नहीं देखी गई। व्यापारियों के अनुसार फिलहाल बाजार में न तो खरीदारों की अधिक दबाव है और न ही किसानों की ओर से बिकवाली का भारी दबाव। यही वजह है कि भाव पिछले कुछ दिनों के औसत स्तर पर ही टिके रहे।
आज के उच्चतम भाव
मंडी में सबसे ऊंचा भाव बढ़िया लोकवान क्वालिटी का रहा। बेहतरीन माल (सुपर क्वालिटी) 2950 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका। कुछ चुनिंदा लॉट जो नमी कम, दाना चमकदार और वजन में भारी थे, उन्हें व्यापारियों ने 2920-2950 के बीच खरीदा। यह भाव पिछले सप्ताह के मुकाबले लगभग समान ही है।
विभिन्न क्वालिटी के भाव इस प्रकार रहे:
- सुपर लोकवान (बढ़िया माल): 2900-3050 रुपये (कुछ बहुत ही बेहतरीन लॉट 3050 तक गए)
- बेस्ट लोकवान: 2800-2900 रुपये
- एवरेज लोकवान: 2675-2775 रुपये
- मिल क्वालिटी गेहूं: 2525-2575 रुपये
- बढ़िया टुकड़ी क्वालिटी: 2650-2700 रुपये
- मालवराज क्वालिटी: 2600-2650 रुपये
बाजार स्थिर रहने के प्रमुख कारण
- त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद मिलों की खरीदी सामान्य स्तर पर आ गई है।
- सरकारी खरीदी (MSP) अभी तक शुरू नहीं हुई है, इसलिए किसान भी ज्यादा जल्दबाजी में नहीं हैं।
- मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगातार आवक बनी हुई है, जिससे बाजार में आपूर्ति और मांग में संतुलन बना हुआ है।
- आटा मिलों की डिमांड स्थिर है, लेकिन स्टॉक भरने की कोई जल्दी नहीं दिख रही।
लोकवान क्यों बना हुआ है किसानों की पहली पसंद?
मालवा-निमाड़ के किसानों के बीच लोकवान-1 और लोकवन-2 गेहूं की किस्में पिछले 8-10 सालों से लगातार लोकप्रिय हैं। इसका मुख्य कारण:
- लोकवान का दाना भारी और चमकदार होता है।
- पंजाब के 1509-1121 की तुलना में लोकवान में ग्लूटेन क्वालिटी बेहतर मानी जाती है।
- आटा मिलों को 12-13% प्रोटीन वाला गेहूं चाहिए, जो लोकवान आसानी से दे देता है।
- प्रति हेक्टेयर उत्पादन भी 22-25 क्विंटल तक रहता है।
इसी वजह से मंडी में लोकवान का भाव हमेशा अन्य किस्मों से 100-300 रुपये ऊपर रहता है।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है?
व्यापारियों का अनुमान है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े तक बाजार इसी तरह स्थिर रहेगा। हालांकि कुछ बातें बाजार को प्रभावित कर सकती हैं:
- अगर सरकारी खरीदी MSP पर शुरू हुई तो 2600-2700 के नीचे भाव जाना मुश्किल हो जाएगा।
- उत्तर भारत में कोहरा और बारिश की स्थिति अगर खराब हुई तो मिलों की खरीदी बढ़ सकती है।
- निर्यात की कोई बड़ी खबर आई तो 3000 का आंकड़ा भी पार हो सकता है।
किसानों के लिए सलाह
जिन किसानों के पास अच्छी क्वालिटी का लोकवान है, वे अभी 2800-2900 के ऊपर बेच सकते हैं। मिल क्वालिटी या मालवराज वाले किसान अगर थोड़ा इंतजार कर सकते हैं तो दिसंबर तक रुकना बेहतर होगा क्योंकि MSP खरीदी शुरू होने पर निचले स्तर पर सपोर्ट मिलेगा।
नीमच मंडी में गेहूं का व्यापार फिलहाल संतुलित स्थिति में है। न बहुत तेजी, न बहुत मंदी। किसान और व्यापारी दोनों ही अगले 15-20 दिनों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।









